Sujang

अग्ना जसी अच्याल मन पडी आछी

Ban

डोटेली गजल

अग्ना जसी अच्याल मन पडी आछी ।
बाटा   हट्न्या  पन  तडी आछी ।।

बाह्र गाउँका धामी भन्ना रस्या खाना ।
हात बाला मुण्डा  पगडी   आछी ।।

घरबारीकी धनी भन्नी कसरी पत्याउ ।
मुण्डा सिंदुर आछी  नाक मनडी आछी ।।

राजधानी लैग्यो अड्डा गौणा लैग्यो ।
उईला जसो अचेल सिलगडी आछी ।।

✍️ गजलकार,चक्र मिलन , डोटी

samajik
Salmuni
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